Friday 29 July 2016

वियतनाम के दो हवाई अड्डो की स्क्रीन हैक

वियतनाम के दो बड़े हवाई अड्डों की स्क्रीन को शनिवार को हैक कर ली गईं जिन पर साउथ चाइना सी में वियतनाम के दावों की आलोचना करने वाले संदेश दिखाई देने लगे। वियतनाम के परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए चीन के हैकर को जिम्मेदार ठहराया है। वियतनाम की राजधानी हनोई और हो ची मिन शहर के हवाई अड्डों की स्क्रीन हैक होने के बाद इन स्क्रीनों पर वियतनाम और फिलीपींस विरोधी नारे दिखाई जाने लगे। वियतनाम एयरलाइंस की वेबसाइट भी कुछ समय के लिए हैक कर ली गई। हवाई अड्डों पर स्टाफ ने कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम नहीं किया।


हाल में एक अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने साउथ चाइना सी में चीन के दावों को खारिज कर दिया था कि वहां पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। वियतनाम जिस क्षेत्र पर दावा जताता है, चीन भी उसी क्षेत्र पर अपना दावा करता है। चीन पूरे साउथ चाइन सी पर अपना दावा ठोकता आ रहा है और इस क्षेत्र में विवादित तरीके से टापू और नेवल पोर्ट बना रहा है। इनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जिन पर दूसरे देश भी अपना दावा करते हैं। हवाई अड्डो की स्क्रीन हैक होने की घटना के कुछ दिन पहले ही चीन मिन के हवाई अड्डे पर एक चीनी पर्यटक से विवाद की खबरें आई थीं। उन खबरों के अनुसार पर्यटक के पासपोर्ट के दो पन्नों पर आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थी। चीन ने वियतनाम से इसकी जांच कराने को भी कहा था। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें @ http://goo.gl/q2kOsA

Wednesday 27 July 2016

सलमान ने ही की चिंकारा की हत्या: ड्राइवर

हाईकोर्ट द्वारा सलमान को बरी किए जाने के दो दिन बाद ड्राइवर हरीश दुलानी का बयान आया है। दुलानी को गुमशुदा बताया गया था। दुलानी ने कहा कि अभिनेता सलमान ने ही चिंकारा की हत्या की थी।


राजस्थान उच्च न्यायालय ने जोधपुर में वर्ष 1998 में चिंकारा के शिकार के दो मामलों में 50 वर्षीय अभिनेता को बरी कर दिया है। दुलानी ने यह भी कहा कि वह फरार नहीं हैं, बल्कि धमकियों की वजह से डरा हुआ है।
दुलानी ने कहा, ‘मैं 18 साल पहले मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान पर कायम हूं कि सलमान कार से उतरे और हिरण को गोली मारी। मैं लापता नहीं था, लेकिन मुझे और मेरे पिता को मिली धमकियों के कारण डरा हुआ था। डर से मैं अपने रिश्तेदारों के पास जोधपुर चला गया। हमने सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन वह नहीं मिली। यदि मुझे पुलिस सुरक्षा मिली होती तो मैंने बयान दिया होता। हमेशा से मेरी यही मंशा थी।’
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चिंकारा के शरीर से मिली गोलियां सलमान खान के लाइसेंसी बंदूक से नहीं चलायी गयी थीं। शिकार के इस मामले में दुलानी अभियोजन पक्ष का एकमात्र गवाह था। उसे 2002 से ही गायब बताया जा रहा था, जिसके कारण सलमान के खिलाफ अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर पड़ गया।अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें @ http://goo.gl/7bzKxy

क्रिकेट-खेल प्रबंधन में सुधार का वक्त

सुप्रीम कोर्ट ने मिशन बना कर भारतीय क्रिकेट प्रबंधन को बदलने का फैसला किया और आखिरकार उसमें बदलाव के लिए की गई सिफारिशों पर अमल का निर्देश दे दिया। इसके लिए पहले सर्वोच्च अदालत ने एक रिटायर चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई और फिर उसकी सिफारिशों पर सुनवाई करके उसमें से ज्यादातर सिफारिशों को छह महीने में लागू करने का आदेश दे दिया।


क्रिकेट या खेल प्रशासन से पुराने मठाधीसों के पर कतरना एक बात है और संगठन के बुनियादी चरित्र को बदलना दूसरी बात है। आशा है नए उपायों से क्रिकेट के संचालन में उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा। बीसीसीआई चाहती तो वह पहले ही अपेक्षित सुधारों को लागू कर न्यायिक हस्तक्षेप से बच सकती थी। लेकिन उसने सुधारों को रोकने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट मैचों के प्रसारण के समय हर ओवर के बीच विज्ञापन दिखाने पर रोक नहीं लगाई। ऐसे ही कोर्ट ने बोर्ड की सदस्य इकाइयों के बीच राजस्व बंटवारे के मौजूदा तरीके को बदलने का आदेश नहीं दिया। यह होता तो बीसीसीआई के पैसे की ताकत का आधार ही खिसक जाता। उस नाते बीसीसीआई का जलवा और सेहत जस का तस रहना है। सो, अब बड़ा सवाल है कि इन सिफारिशों को लागू कर देने से क्या भारतीय क्रिकेट का प्रबंधन बदल जाएगा? कई राज्यों में नेताओं की बजाय पेशेवरों के हाथ में प्रबंधन की कमान है, लेकिन उससे कोई बड़ा गुणात्मक बदलाव आ गया हो, इसकी मिसाल नहीं है। भारतीय क्रिकेट के कोच बनाए गए अनिल कुंबले खुद भी कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं, लेकिन उनके अध्यक्ष रहते भी कामकाज उसी ढर्रे पर चलता रहा, जिस पर पहले चलता था।

भारत का क्रिकेट बोर्ड दुनिया का सबसे शक्तिशाली और धनी बोर्ड है और इसने भारत में क्रिकेट को कायदे से विकसित किया है। कई बरसों से भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की शीर्ष टीमों में शामिल है। टेस्ट, एकदिवसीय और ट्वेंटी ट्वेंटी मुकाबलों में भारत का रिकार्ड शानदार है। आईपीएल एक सुपरहिट टूर्नामेंट है और राज्यों के स्तर पर क्रिकेट के विकास के लिए बहुत कुछ हो रहा है। सुधारों की सिफारिश लागू होने के बाद इसमें और क्या सुधार होगा, यह देखने वाली बात होगी। एक अच्छी बात यह है कि अदालत ने सीएजी के एक सदस्य को क्रिकेट बोर्ड में शामिल करने की सिफारिश मान ली है। इससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की हजारों करोड़ रुपए की कमाई और उसकी बंदरबांट पर लगाम लग सकती है। उसके बाद उस कमाई का इस्तेमाल बेहतर ढंग से हो, नई क्रिकेट अकादमी बनें, नए स्टेडियम बनें और नए खिलाड़ियों को प्रमोट करने का काम हो तभी इसका फायदा है। दूसरी अच्छी सिफारिश हर राज्य के लिए एक बोर्ड बनाने और बीसीसीआई में हर राज्य का एक वोट रखने की है। बिहार जैसे राज्य का कोई प्रतिनिधित्व बीसीसीआई में नहीं है, जिसकी वजह से वहां क्रिकेट फीसड्डी है। सुधारों को लागू करने से स्थिति बदलेगी।

बहरहाल, सुधारों को लागू करने के बाद भी क्रिकेट प्रशासन में उन्हीं का जलवा रहेगा, जो अभी कमान में हैं। लेकिन वे ज्यादा सावधानी से अब काम करेंगे। इसके अलावा अदालत ने क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैध बनाने का फैसला संसद पर छोड़ा है। यह एक बड़ा मामला है। भारत में क्रिकेट सट्टेबाजी और फिक्सिंग की वजह से बार बार बदनाम हुआ है और इस पर बहुत सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सट्टेबाजी की वजह से ही मैच फिक्स होते हैं, इसलिए इन दोनों पर एक साथ विचार करने की जरूरत है। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें @ http://goo.gl/vC1jWP


Hrithik Publicises his fight against Kangana in IIFA!

There has been a lull in the story that seems straight from the Bollywood flick. Fan turns into a star, and plays a part with her favourite hero... and suddenly fantasies roll up. Yes, that is what the life of Kangana Ranuat seems to have played out in the last couple of years. Unfortunately, the award winning heroine fell for the Greek god, and much married then, Hrithik Roshan. And out of nowhere, Mr. Roshan, as per Bollywood News in Hindi mentioned in the recent IIFA Awards in Spain.


What Hrithik said in IIFA
Hrithik was quoted saying that nothing was behind him, rather everything is clearly in front of everyone to see. The actor answered to the question on his upcoming movie Mohenjo Daro and if and how the rumours affected his work. A thorough professional, Hrithik was upbeat about his preparation and said that his personal life does not affect his work or his commitments. Kangana Ranuat has not responded to the comment as yet. After all, her lawyers have asked her to avoid making any public statement regarding Hrithik or his associates on the matter as long as the case is pending for hearing in the court.

How it all began?

Kangana Ranuat was considered as a close member of the Roshan clan, as she has worked in two in-house movies- Kites in 2009 and Krrish 3 in 2013. She was a favourite for Roshans’s and her close association with Hrithik’s father- Rakesh, seems to have polished her acting talent. She did award-winning performances in Tanu Weds Manu, Queen and Revolver Rani after that.

Kangana’s fantasy turned into a battle of wits when she responded to multiple mails from Hrithik’s fake email ID. From engagement to proposal on marriage, the mails had every detail from Kangana, but not a single reply from Hrithik. Investigators see it as a fake fan ID that took advantage of Kangana’s star profile.

She called Hrithik her “silly ex”, and then all hell broke loose, pointing to how she has been considered as the “Other Woman”, in most of her previous relationships.


The Past comments

Hrithik has never spoken to the media on the legal tussle with Kangana and has largely kept it to himself. The closest anyone could give a comment on their so-called “mystery” relation was his ex-wife, Suzzanne, who categorically denied that the star ever had any connection with the heroine other than professional reasons. Though to the core, she exemplified Hrithik’s commitment in a relation and acquitted him of any extra-marital affair. Even so, when Kangana’s lawyer debate that the relation started after Hrithik’s divorce!

The future ahead

From Latest Bollywood News Hrithik is yet to receive the public apology he had asked for from Kangana for her outrageous public comment. Throwing caution in the wind, Hrithik’s latest IIFA comment is a clear indication that the probe is over, and the case reports will be furnished shortly.

Professionally, both actors are on a career high, where Hrithik has begun promotions for MohenjoDaro, and shooting for Sanjay Gupta’s Kaabil. Kangana is ready with her romantic movie Rangoon, and has recently signed Hansal Mehta’s Simran.

Tuesday 26 July 2016

क्रिकेट प्रशासन में आएंगे नए चेहरे

अगले छह महीने में भारतीय क्रिकेट प्रबंधन का चेहरा बदल जाएगा। कम से कम परदे के सामने के कई चेहरे बदल जाएंगे और उनकी जगह नए चेहरे आ जाएंगे। इसकी शुरुआत शरद पवार ने कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की जिन सिफारिशों को मंजूर किया है, उसमें से दो सिफारिशें बहुत खास हैं। एक सिफारिश 70 साल से ऊपर के लोगों को प्रबंधन में नहीं रखने की है और दूसरी एक से ज्यादा पद नहीं लेने की है। इन दोनों सिफारिशों से ही बहुत कुछ बदलेगा।


शरद पवार 70 साल से ऊपर के हैं। इसलिए उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन, एमसीए के अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया है। लेकिन सवाल है कि उनकी जगह कौन लेगा? उनके परिवार का कोई व्यक्ति होगा या पार्टी का, यह फैसला खुद पवार करेंगे।  एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के आधार पर बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। वे अपनी जगह किसको कमान दिलाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें @ http://goo.gl/iTqBaJ

Monday 25 July 2016

भारत के मध्यवर्ग में अब छोटे काम वाले भी!

भारत का मध्यवर्ग बदल रहा है। इसमें अब केवल नौकरीपेशा ही नहीं रह गए हैं। नए मध्यवर्ग में अब ड्राइवर, कारपेंटर, छोटी-मोटी थड़ी चलाने वाले, खान-पान के ठेले या छोटे रेस्टोरेंट-ढाबे चलाने वाले, टैक्नीशियन का काम करने वाले, प्लंबर, इलैक्ट्रिशियन आदि सब शुमार हो गए हैं। आने वाले वक्त में यह दायरा और बड़ा होता चला जाएगा।


यह दिलचस्प जानकारी मुबंई विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से कराए गए एक अध्ययन में सामने आई है। इसका विषय था- द राइज ऑफ द न्यू मिडिल क्लास एंड द रोल ऑफ ऑफशोरिंग सर्विसेज। अध्ययन में निम्न मध्यवर्ग से तात्पर्य जिसका रोजाना का खपत खर्च दो से चचार डॉलर यानी 134 रुपए से 268 रुपए के बीच है। जबकि गरीब व्यक्ति का रोजाना खर्च दो डॉलर से भी कम है।
वहीं मध्यवर्ग का प्रति व्यक्ति यह खर्च चार से छह डॉलर और उच्च मध्य वर्ग का प्रति व्यक्ति खर्च छह से दस डॉलर के बीच है। यह अध्ययन 800 परिवारों पर किया गया था। इसमें पाया गया कि हर परिवार के लोगों के पास सेलफोन और घड़ी थे। 70 फीसद से ज्यादा परिवार ऐसे थे जो बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं।अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें @ http://goo.gl/pJYpk0