निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी)
व्यापारियों के लिए नकदी संकट बढाएगा तथा व्यापारी निर्यातकों का अनुपालन
लागत बढ सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन :फियो: के
अनुसार नकदी संकट के चलते घरेलू निर्यातकों की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता
करीब 2 फिसदी घट सकती है।
उसके महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सरकार जीएटी व्यवस्था के प्रभाव को शून्य करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, जीएसटी बडे पैमाने पर निर्यातकों की तरलता पर बुरा असर डालेगा और इससे उनकी अनुपालन लागत बढ सकती है। भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता भी दो फीसद गिर सकती है और यह निर्यातकों के लिए एक बडा झटका होगा। फियो के अध्यक्ष गणोश कुमार गुप्ता ने जीएसटी को एक ऐतिहासिक सुधार करार दिया । उनका कहना था कि शुरआत झटकों के बाद लंबे दौर में इसका अच्छा फल मिलेगा। जीएसटी से पहले निर्यातकों को शुरू में ही शुल्कों से छूट मिल जाती थी। लेकिन अब उन्हें पहले भुगतान करना होगा और बाद में रिफंड मांगना पडेगा। फियो का कहना है कि इस प्रक््िरया के चलते करीब 1,85,000 करोड रपये सरकार के पास फंस जाएगा।@ https://goo.gl/hwLKgo
उसके महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सरकार जीएटी व्यवस्था के प्रभाव को शून्य करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, जीएसटी बडे पैमाने पर निर्यातकों की तरलता पर बुरा असर डालेगा और इससे उनकी अनुपालन लागत बढ सकती है। भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता भी दो फीसद गिर सकती है और यह निर्यातकों के लिए एक बडा झटका होगा। फियो के अध्यक्ष गणोश कुमार गुप्ता ने जीएसटी को एक ऐतिहासिक सुधार करार दिया । उनका कहना था कि शुरआत झटकों के बाद लंबे दौर में इसका अच्छा फल मिलेगा। जीएसटी से पहले निर्यातकों को शुरू में ही शुल्कों से छूट मिल जाती थी। लेकिन अब उन्हें पहले भुगतान करना होगा और बाद में रिफंड मांगना पडेगा। फियो का कहना है कि इस प्रक््िरया के चलते करीब 1,85,000 करोड रपये सरकार के पास फंस जाएगा।
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