Wednesday 5 July 2017

डायरेक्ट सेलिंग फेडरेशन की 18 फिसदी जीएसटी हटाने की मांग

विभिन्न उत्पादों की सीधे उपभोक्ताओं को बिक्री करने वाले उद्यमियों के संगठन फैडरेशन आफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसियेसन (एफडीएसए) ने सरकार से डायरेक्ट सेलिंग क्षेत्र पर 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की मांग की है। उसका कहना है कि जीवन बीमा एजेंटों को जिस प्रकार जीएसटी से छूट दी गई है उसी तरह उत्पादों की सीधे बिक्री करने वालों को भी जीएसटी से छूट दी जानी चाहिये। एफडीएसए से संबंद्ध संस्था डायरेक्ट सेलिंग डिस्ट्रीब्यूटर्स वेल्फेयर एसोसियेसन (डीएसडीडब्ल्यूए) ने भी इस मांग का सर्मथन करते हुये कहा कि सरकार को उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) विधेयक को भी जल्द से जल्द संसद में पेश करना चाहिये। ये मुद्दा यहां एसोसियेसन की सालाना बैठक में उठाया गया। दोनों संगठनों ने डायरेक्ट सेलिंग क्षेत्र से 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की मांग की।


इसके साथ ही एसोसियेसन ने उन गतिविधियों की भी सूची जारी की जो डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में शामिल नहीं हैं। एफडीएसए के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि उपभोक्ता मामले मंत्रालय को जल्द से जल्द उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) विधेयक को पारित कराना चाहिये ताकि उसके प्रावधानों को अमल में लाया जा सके। उन्होंने आरसीएम, जुसोत्तम, सारसो, एआरएल सहित कई कंपनियों और बैठक में उपस्थित 1200 वितरकों से कहा कि कंपनियों की पहचान पक्की करने के लिये दोनों एसोसियेसनों को वह अपना पैन कार्ड ब्यौरा सौंप दे ताकि इसे सरकार को सौंपा जा सके। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने इस अवसर पर डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को आश्‍वस्त किया कि धनराशि का लेनदेन करने वाली कंपिनयों को डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की श्रेणी से अलग किया जायेगा। अधिक जानकारी के  लिए क्लिक करें @ http://bit.ly/2tLwvIP

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